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कैफे संचालक की हत्या का खुलासा, एक आरोपी गिरफ्तार, शूटर अभी भी फरार

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ऋषिकेश। ऋषिकेश के निकट तपोवन स्थित डेक्कन वैली में कैफे संचालक नितिन देव की गोली मारकर हुई हत्या का मुनिकीरेती पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने नितिन देव की हत्या के षड्यंत्र में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जबकि दो आरोपी अभी देहरादून की जेल में बंद है। गोली मारने वाले दो शूटर अभी फरार हैं। जिनकी तलाश में पुलिस यूपी और दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। नितिन देव की हत्या में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

बता दे कि आज मुनिकीरेती थाने में एसएसपी आयुष अग्रवाल पहुंचे। उन्होंने कैफे संचालक नितिन देव की हत्या के मामले में बताया कि 7 मई की रात को नितिन देव की हत्या दो शूटरों ने गोली मारकर की थी। जो वारदात के बाद स्कूटी से फरार हो गए थे। मामले को खोलने के लिए पुलिस के साथ एसओजी और साइबर सेल की टीम को सक्रिय किया गया। पुलिस टीम में सबसे पहले हत्या के कारण जानने की कोशिश की।

इसी कड़ी में पता चला कि ऋषिकेश निवासी विपिन नैय्यर की नितिन देव के साथ पुरानी रंजिश है। रंजिश की वजह विपिन नैय्यर के द्वारा नितिन देव के कैफे और रिसॉर्ट की तमाम विभागों में शिकायत करना है। रंजिश की एक और वजह भी सामने आई है। जिसके तहत विपिन को लगता था कि कुछ समय पहले पोक्सो एक्ट के मामले में जेल जाने की वजह भी नितिन देव रहा है।

इन दोनों कारणों से विपिन नैय्यर नितिन देव से बदला लेने की फिराक में था। इसलिए उसने जेल में बंद होने के दौरान कुख्यात अपराधी रामवीर सिंह से दोस्ती की और फिर उससे जेल में मिलने आने वाले साथियों के साथ मिलकर नितिन देव की हत्या की साजिश रची। रामवीर के साथी विमलेश ने अपनी पहचान के दो शूटर अरेंज करके विपिन नैय्यर को दिए। दोनों शूटर फर्जी पहचान पत्र के आधार पर डेक्कन वैली के फ्लैट में किराए पर रहने के लिए पहुंचे। जहां से रेकी करने के बाद शूटर होने नितिन देव को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।

फिलहाल पुलिस ने मूल रूप से बलिया के रहने वाले विमलेश को गिरफ्तार कर लिया है। शूटरों की पहचान कर ली गई है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम यूपी दिल्ली में अपना डेरा डाले हुए हैं। पुलिस से बचने के लिए विपिन नैय्यर पुराने मामले में अपनी जमानत तुड़वाकर वापस देहरादून की जेल चला गया है। जिससे कि पुलिस को उस पर शक ना हो। विपिन के साथ उसकी मदद करने वाला रामवीर भी जेल में बंद है। जिन्हें जल्दी ही रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इस पूरे मामले में अहम भूमिका निभाने वाली पुलिस एसओजी और साइबर सेल की टीम को उत्तराखंड के डीजीपी ने हौसला अफजाई के लिए 50 हजार रुपए का इनाम दिया है।

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