रिपब्लिक डेस्क। सर्दियों के मौसम में पैरलाइज के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इस मौसम में बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ठंडी हवाएं एवं ठिठुरन के कारण रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो जाती है। ऐसे में ब्रेन हेमरेज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इससे व्यक्ति पैरलाइज हो सकता है।
आशुतोष फिजियोथेरेपी एण्ड रिहैबिलिटेशन सेंटर ठाकुरपुर देहरादून के फिजियोथेरेपिस्ट डा० धर्मेन्द्र बताते हैं कि सर्दियों में सुबह बीपी बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है। इसीलिए सुबह की ठंड अथवा ठंडी हवाओं से बचना चाहिए।

स्ट्रोक पड़ने पर लकवा, हाफ़ बॉडी पैरालिसिस, चेहरे के फालिज की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में फिजियोथैरेपी एक अच्छा विकल्प है। हाफ बॉडी पैरालिसिस में बिना समय गवाएं फिजियोथैरेपी ट्रीटमेंट कराना चाहिए।
इसमें जरूरी व्यायाम मशीनों की मदद से हाथ पैरों की थेरेपी, मसल्स स्टिम्युलेटर एवं नर्व्स स्टूमलेटर की मदद से उपचार किया जाता है। जोड़ों की जकड़न से बचाने के लिए एवं मांसपेशियों को दोबारा एक्टिंग करने के लिए मसल्स को जागृत करने की आवश्यकता होती है। इसमें थेरेपी अत्यंत आवश्यक और कारगर भी है। इससे मरीज में 2 से 5 महीने में काफी सुधार आ जाता है। मरीज अच्छी तरह अपनी दिनचर्या करने लगते हैं। बकौल दीपक इस बात का विशेष ध्यान दें कि उपचार हमेशा कुशल फिजियोथैरेपिस्ट से ही कराएं।
पैरालाइज के कारण‘
- रक्त संचार का ठीक से ना हो पाना
- ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना
- तनाव एवं नींद पूरी ना हो पाना
- अत्यधिक वजन का बढ़ जाना
कैसे करें बचाव
- समय-समय पर बीपी की जांच कराएं
- सुबह शाम की ठंडी हवाओं से बचें
- फास्ट फूड जंक फूड का इस्तेमाल कम करें
- ठंडी चीजों का सेवन अत्यधिक ना करें
- सर्दियों में धूप का सिकाई अवश्य करें
