रुद्रपुर। ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प के रूप में मक्का फसल को विकसित किये जाने के मकसद से राष्ट्रीय कृषि प्रसार एवं प्रौद्योगिकी मिशन ‘आत्मा परियोजना’ के सौजन्य से मक्का क्रेता कम्पनियों, कृषि वैज्ञानिकों एवं किसानों के साथ जिलाधिकारी रंजना राजगुरु की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में संवाद एवं विचार विमर्श किया गया।
किसानों ने गोष्ठी में मक्का का मूल्य निर्धारित एवं स्थानीय स्तर पर उत्पादित मक्के को सरलता से खरीदने की बात रखी। उन्होंने कहा कि कम्पनियां स्थानीय उत्पाद मक्के को न खरीदते हुये बाहरी उत्पाद को प्रोत्साहन दे रहे है। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित कम्पनी एवं कृषकों से कहा कि हमें आपस में ताल-मेल के साथ कार्य करना होगा तभी किसान को लाभ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि हम सभी का यह प्रयास होना चाहिये कि किसान को उत्पाद का वाजिब दाम मिले। उन्हांेने कहा कि कम्पनी, कृषक के बीच जो भी समस्याएं बनी है उसे हम सभी को सकारात्मक दृष्टि से समाधान करना होगा।
जिलाधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों की जो भी समस्या होगी उसके निस्तारण के लिये कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाये ताकि किसान अपनी मक्का क्रय-विक्रय एवं अन्य सम्बन्धित समस्याओं को दर्ज कर सके और उनका शीघ्र समाधान किया जा सकें। उन्होने कहा कि कृषकों एवं कम्पनियों के बीच किस प्रकार से एक सरलीकरण प्रक्रिया बने इसके लिये शीघ्र सम्बन्धित कम्पनियों के प्रबन्धकों के साथ वार्ता भी की जायेगी।
कम्पनियों ने किसानों को आश्वस्त किया कि बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर ही मक्का की खरीद की जायेगी। उन्होने कहा कि किसान की सुविधा के लिये कम्पनी में मक्का खरीदने के लिये टोकन सिस्टम की सुविधा की जायेगी ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
