नरेन्द्रनगर। बुराइयों को समाप्त कर अच्छाइयाँ अपनाने से होगा पर्यटन का सतत विकास। यह बात धर्मानन्द राजकीय महाविद्यालय, नरेंद्रनगर के प्राचार्य प्रो0 (डॉ0) राजेश उभान ने महाविद्यालय के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित विश्व पर्यटन दिवस -2022 के उपलक्ष्य में आयोजित विचार गोष्टी को सम्बोधित करते गए कही।
प्रो0 उभान ने अपने स्कॉटलैंड भ्रमण के अनुभवों को साझा करते हुए सफल पर्यटन पेशेवर बनने के लिए व्यावहारिक ज्ञान तथा व्यावसायिक कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पर्यटन अच्छाइयों के साथ साथ बुराइयां भी लाता है लेकिन हमें बुराइयों को समाप्त करने व अच्छाइयों को गृहण करने पर ध्यान देगा होगा तभी पर्यटन का सतत विकास संभव है।
उन्होंने आगे कहा कि पर्यटन का उद्देश्य भोग विलास न होकर ज्ञान, सांस्कृतिक आदान प्रदान तथा स्वस्थ अंतरराष्ट्रीय संबंधों का सृजन होना चाहिए तभी हम पर्यटन पर पुनर्विचार की इस थीम को कार्यान्वित कर पाएंगे।
पर्यटन विभाग के प्रभारी डॉ0 संजय महर ने इस वर्ष पर्यटन दिवस की थीम श्पर्यटन पर पुनर्विचारश् पर प्रकाश डालते हुए मास टूरिज्म के विभिन्न प्रभाओं को इंडोनेशिया, केन्या, नेपाल, धनोल्टी, कानाताल, पेरियार, फूलों की घाटी, अल्लेप्पी आदि पर्यटन स्थलों के उदाहरण देकर बताया साथ ही उन्होंने पर्यटन के दुष्प्रभावों को न्यून करने के लिए प्रयत्न उद्योग के सभी हिस्सेदारों के कौशल विकास एवं व्यावसायिक क्षमताओं को विकसित करने के साथ ही आम जन की सहभागिता को महत्वपूर्ण बताया।
विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ0 विजय प्रकाश भट्ट ने कहा कि पर्यटन के आर्थिक लाभों व रोजगार सृजन क्षमता को देखते हुए ही विश्वभर में इसे उद्योग का दर्जा दिया गया है किंतु अनियोजित पर्यटन विकास हमारे पर्यावरण के साथ ही आर्थिकी, समाज व संस्कृति पर विभिन्न प्रकार के नकारात्मक प्रभाव डालता है।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद प्रस्ताव व यमकेश्वर के रिसोर्ट में अंकित के साथ हुई घटना पर शोक व्यक्त कर किया गया।
इस अवसर पर डॉ0 सपना कश्यप, डॉ0 नूपुर गर्ग, डॉ0 विक्रम बर्तवाल, डॉ0 राजपाल रावत आदि ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी गण व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजन में विभाग के टूर एंड ट्रेंनिग असिस्टेंट श्री शिशुपाल रावत व श्री अजय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
