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उत्तराखण्डः पंचायतों में ओबीसी को मिलेगा अधिकतम 28 प्रतिशत आरक्षण

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उत्तराखण्डः पंचायतों में आबादी के हिसाब से मिलेगा ओबीसी आरक्षण
देहरादून। प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायतों में जहां जितने प्रतिशत ओबीसी होंगे उनकी आबादी के हिसाब से उतना आरक्षण मिलेगा, लेकिन राज्य के किसी भी जिले में 28 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।

एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए गठित मंत्रिमण्डल की उपसमिति ने बैठक के साथ रिपोर्ट भेज दी।

आयोग की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए गठित उपसमिति के मुताबिक किसी जिले में यदि ओबीसी की आबादी कम है, तो उस जिले में उसी हिसाब से ओबीसी आरक्षण मिलेगा। टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली सहित कई ऐसे जिले हैं, जिनमें ओबीसी की आबादी कम है। जबकि उतरकाशी जिला सहित कुछ ऐसे क्षेत्र है, जहां इनकी आबादी अधिक हैं।

उप समिति के अध्यक्ष वन मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार यदि किसी जिले में ओबीसी की आबादी दो प्रतिशत है तो उस जिले में ओबीसी को दो प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। वहीं, अधिक आबादी वाले जिले में 28 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक एसएसी, एसटी और ओबीसी के 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। संविधान में एससी के लिए 18 प्रतिशत और एसटी के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। ऐसे में यदि किसी जिले में शत प्रतिशत ओबीसी है, तो भी उन्हें अधिकतम 28 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए राज्य की जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण तय होगा।

जबकि जिला पंचायत सदस्य व ब्लाक प्रमुख्य के लिए जिले की आबादी व प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए विकास खंड क्षेत्र की आबादी के हिसा से आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। बताया गया कि एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की दो रिपोर्ट सरकार मंजूर कर चुकी है। बैठक में महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्य, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा, प्रमुख्य सचिव न्याय प्रदीप पंत, सचिव चंद्रेश यादव मौजूद रहे।

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