देहरादून। उत्तराखंड की महिलाओं के लिए सरकार तमाम योजनाएं संचालित कर रही है. ताकि, महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के साथ ही गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार अब महिलाओं के गर्भ धारण करने से अगले 1000 दिनों तक सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने को लेकर कार्ययोजना तैयार कर रही है। इसके लिए ‘मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा शुभजीवन प्रोत्साहन’ योजना के तहत महिलाओं को चरणवार सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने महिला कल्याण एवं बाल विकास से संबंधित तमाम योजनाओं की समीक्षा की। समीक्षा बैठक के बाद मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि एक गेम चेंजर योजना (मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा शुभजीवन प्रोत्साहन) जो मुख्यमंत्री के सामने रखी गई थी। जिसमें गर्भवती महिलाओं के एक हजार सुनहरे दिन को लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस योजना में गर्भवती महिला, नवजात शिशु के पोषण, स्वास्थ्य सुरक्षा समेत अन्य जरूरतों संबंधित प्रावधान किए जा रहे हैं। इस गेम चेंजर योजना के स्वरूप को जल्द तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि ‘एकल महिला स्वरोजगार योजना’ को पिछली कैबिनेट में रखा गया था, लेकिन इस योजना में कुछ बिंदुओं पर संशोधन करने का निर्णय लिया गया था। ऐसे में एकल महिला स्वरोजगार योजना प्रस्ताव में संशोधन कर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जिसे आगामी कैबिनेट में रखा जाएगा। इस योजना के लागू होने के बाद एकल महिलाएं इस योजना का लाभ उठा पाएंगी।
आंगनबाड़ी वर्करों एवं सहायिकाओं की नियुक्ति पर मंत्री आर्या ने कहा कि प्रदेश के 12 जिलों में आंगनबाड़ी वर्कर एवं सहायिकाओं की नियुक्ति के रिजल्ट जारी हो चुके हैं। जिसके चलते अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि एक हफ्ते का समय आपत्तियों के लिए देते हुए 3 से 4 दिनों के भीतर आपत्तियों का निस्तारण कर फाइनल लिस्ट जारी कर नियुक्ति पत्र सौंप दिए जाए। नियुक्ति पत्र 20 से 22 मई के बीच सौंपी जाएगी।
रेखा आर्या ने कहा कि श्महिला कल्याण कोषश् जिसके लिए आबकारी विभाग से 1 रुपए प्रति बोतल अतिरिक्त शुल्क के रूप में मिल रहा है. इस महिला कल्याण कोष की नियमावली काफी समय से वित्त विभाग में थी और वित्त विभाग ने कुछ आपत्तियां लगा दी थी. उन आपत्तियों का जल्द से जल्द निस्तारण करते हुए आगामी कैबिनेट में महिला कल्याण कोष नियमावली को प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि महिला कल्याण कोष भी धरातल पर उतरेगा। इस कोष से ऐसी महिलाएं लाभ ले सकेंगी, जिनको सुरक्षा, स्वरोजगार, आपदा के समय संरक्षण की आवश्यकता होती है। वहीं, दुर्घटना के कारण अनाथ हुए बच्चों और वृद्ध महिलाओं के संरक्षण को ध्यान में रखकर भी नियमावली में प्राविधान किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में संचालित नंदा गौरा योजना के तहत फिलहाल 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने के समय पात्र बालिकाओं को 51 हजार रुपए की धनराशि दी जाती है, लेकिन जल्द ही इस योजना के तहत ग्रेजुएशन या 12वीं के बाद कोई स्किल बेस्ड कोर्स पूरा करने पर भी सहायता राशि दी जाएगी। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने इस योजना की समीक्षा करते हुए योजना में नए प्रावधान जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी नए बदलावों का अंतिम प्रारूप तैयार करके जल्द से जल्द प्रस्ताव सौंपे।
