नरेन्द्र सिंह की रिपोर्ट
कीर्तिनगर। टिहरी जिले में बीते दिनों कड़ाकोट, डागर, लोस्तु बढियार गढ़ पट्टी में आई आपदा के बाद जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। लेकिन इस आसमानी आपदा के निशान यहां के गांवों में साफ देखे जा सकते हैं। यहां काश्तकारों की फसल आसमानी आफत ने पूरी तरह चौपट कर दी है।
ग्राम पंचायत खर्क नौगांव में ग्रामीणों की सिंचित भूमि धान,की फसल सहित अदरक, अरबी फसल पूरी तरह से आपदा की भेट चढ़ गई है। ग्रामीण धनवीर राणा का कहना है की उनकी फसलों को भारी मात्रा मे नुकसान हुआ है। उनकी सिंचित भूमि अब सिर्फ मलबे में तब्दील हो गई है। काश्तकारी के सिवा उनके पास आजीविका को दूसरा साधन नहीं है। अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
इसी गांव के धनवीर राणा, मूर्ति सिंह, जोत सिंह सूरत सिंह आदि की भी यही कहानी है। जिन खेतों में मेहनत कर ये ग्रामीण अपने परिवार का गुजर-बसर करते थे वो अब पूरी तरह से मलबे के ढेर में तब्दील हो गये हैं। फसले तो खराब हुई ही लेकिन अब खेत में नहीं बचे।
गांव के ही दयाल रावत ने बताया की दैवीय आपदा के कारण मनरेगा के अंतर्गत निर्मित बाढ़ नियंत्रण सुरक्षा दीवार,जल सरोवर, समेत पेयजल लाइन को काफ़ी नुकसान हुआ है। वहीं ग्रामीण बताते हैं विधायक विनोद कण्डारी आपदा का जायजा लेने के लिए गांव का दौरा किया। उन्होंने वताया कि क्षेत्रीय विधायक विनोद कंडारी ने गांव का दौरा किया। उनकी पहल पर गांव में वैकल्पिक पेयजल लाइन को दुरस्त किया गया है।
