देहरादून। सीबीएसई बोर्ड ने शुक्रवार सुबह 12वीं क्लास के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं। 12वीं में एक बार फिर लड़कियों ने बाजी मारी है। देहरादून रीजन का परीक्षा परिणाम 85.39 प्रतिशत रहा। ओवरआल प्रदर्शन के आधार पर 16 रीजन में से देहरादून 15वें स्थान पर रहा है। देहरादून रीजन में तीन छात्र-छात्राओं ने संयुक्त रूप से पहला स्थान हासिल किया है। इसमें ऋषिकेश के अभिनव उनियाल, रुद्रपुर की हरमन बब्बर और अमरोहा (यूपी) की कशिश यादव ने 498 अंक प्राप्त किए हैं।
उधमसिंह नगर रुद्रपुर की भूरारानी निवासी छात्रा हरमन बब्बर ने 99.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। हरमन बब्बर आरएन स्कूल की छात्रा है। ऋषिकेश के डीएसबी इंटरनेशनल स्कूल के छात्र अभिनव उनियाल ने 99.6 और रुड़की की ग्रीनवे माडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा स्नेहा गुसाईं ने 99.2 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। स्नेहा कामर्स ग्रुप से है। इसी स्कूल के हर्षवर्धन गुप्ता ने 98.8 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।
उत्तराखंड में ऋषिकेश के गुमानीवाला ग्रामसभा निवासी डीएसबी इंटरनेशनल स्कूल के होनहार छात्र अभिनव उनियाल ने टॉप किया है।
गौरतलब है कि 13 लाख से अधिक छात्रों ने सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास की है। इस वर्ष 12वीं कक्षा में 92 प्रतिशत से अधिक बच्चे पास हुए हैं। पास करने वालों में 94.54 प्रतिशत छात्राएं और 91.25 प्रतिशत छात्र हैं। वहीं 100 फीसदी ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए हैं। कुल 92.71 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं।
देशभर के 14,44,341 बच्चों ने 12वीं की परीक्षाओं के लिए अपना पंजीकरण कराया था, जिनमें से 14,35,366 बच्चों ने परीक्षा दी और 13,30,662 पास हुए। वहीं, विदेशों में पढ़ने वाले 93.98 प्रतिशत बच्चों ने परीक्षाएं पास की है। सीबीएसई बोर्ड के मुताबिक इस वर्ष 4.72 प्रतिशत यानी 67,743 बच्चों की कंपार्टमेंट आई है। इनको फिर से परीक्षा देनी होगी।
सीबीएसई 12वीं कक्षा के बोर्ड रिजल्ट में इस वर्ष कुल 33,432 बच्चों ने 95 फीसदी से अधिक अंक अर्जित किए हैं। इनकी कुल संख्या 2.33 प्रतिशत है। वहीं 90 से 95 फीसदी अंक हासिल करने वाले बच्चों की संख्या 1,34,797 है। यह पास होने वाले कुल बच्चों का 9.39 प्रतिशत है। वहीं, देशभर के सभी संगठित स्कूलों की बात की जाए तो जवाहर नवोदय विद्यालयों ने इन परीक्षाओं में टॉप किया है। सीबीएसई बोर्ड के मुताबिक इस वर्ष जवाहर नवोदय विद्यालय के 98.93 प्रतिशत बच्चे सफल रहे हैं।
