Home उत्तराखंड मन-रे-गा……मनरेगा ।।

मन-रे-गा……मनरेगा ।।

2530
0

150 दिन रोजगार गारंटी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उनके विरोधी चाहे लाख बुराई करने में लगे हों लेकिन इन सब बातों से बेफिक्र होकर उनकी सरकार लगातार पहाड़ और पहाड़ियों के लिए गंभीरता से काम करती दिखाई दे रही है। गांवों में सौ दिन का रोजगार उपलब्ध कराने वाली मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) ने कोरोनाकाल में भी ग्रामीणों को बड़ा सहारा दिया है।कोरोना संकट के चलते देश के विभिन्न राज्यों में रह रहे प्रवासी जब अपने-अपने गांव वापस लौटे तो तब उनके सामने बीमारी से बचने के अलावा दूसरा सबसे बड़ा संकट रोजगार का था। लेकिन गाँवो में मनरेगा की गतिविधियां शुरू होने से अन्य ग्रामीणों के साथ बड़ी संख्या में प्रवासियों ने भी इसमें खासी दिलचस्पी दिखाई।

राज्य में मनरेगा जाबकार्ड धारकों की बढ़ती संख्या इसका सबसे बड़ा सबूत है। राज्य में अभी जाब कार्ड धारकों की संख्या 12.19 लाख है, जिनमें 2.66 लाख तो केवल पिछले एक साल में बने है। कुल जाब कार्ड धारकों की संख्या में 53.65 प्रतिशत महिलाएं हैं। सात लाख से ज्यादा लोग अभी गांवों में विभिन्न कार्यों में जुटे हुए हैं।

योजना के तहत रोजगार पाने वाले परिवारों को अभी तक पूरे साल में केवल 100 दिन का रोजगार मिलता है। पूरे प्रदेश में अभी तक 18100 परिवार सौ दिन का रोजगार प्राप्त कर चुके है, लेकिन उनकी माली हालत देखते हुए इतना उनके लिए पर्याप्त नहीं है। उन्हें अभी और अधिक रोजगार की आवश्यकता है, इसी समस्या को देखते हुए त्रिवेंद्र सरकार ने मनरेगा के नियमों के तहत प्रति जाबकार्ड धारक को 50 दिन अतिरिक्त रोजगार देने का बड़ा निर्णय लिया है जिससे ग्रामीणों को 100 की जगह अब 150 दिन रोजगार मिलेगा।

50 दिन का अतिरिक्त रोजगार मिलने से ऐसे परिवारों को अब बड़ी राहत मिलेगी जिनके लिए अभी यह अपर्याप्त था। इन अतिरिक्त 50 दिनों के रोजगार पर खर्च होने वाली राशि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य फंड द्वारा वहन की जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस दिशा में बेहद तत्परता दिखाते हुए अतिरिक्त रोजगार के लिए 83.75 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दे दी है।

सरकार के इस कदम से एक तरफ जहां जरूरतमंदों को अधिक रोजगार मिलेगा वहीं दूसरी तरफ गांवों से पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे इस बात को बल मिल रहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आने वाले समय में गाँव में ही रोजगार के लिए मनरेगा वरदान साबित होगी और लोग खुशी से झूमकर कहेंगे मन-रे-गा…मनरेगा।

Advertisement

Previous articleजीआईसी इठारना को मिलेगा नया भवन, सीएम ने मंजूर किया बजट
Next articleस्मैक के साथ दो आरोपी गिरफ्तार, बरामद स्मैक की कीमत चार लाख

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here