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कैरियर लेख: फिजियोथेरेपी कोर्स से बनाएं उज्ज्वल भविष्य

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डॉ० कुलदीप यादव

Dr.Kuldeep Yadav MPT(NEURO),MIAP head dept of physiotherapy Doon Paramedical College

आज के समय में पैरा मेडिकल फील्ड काफी बढ़ रहा है। यही वजह है कि फिजियोथेरेपी में करियर ही काफी संभावनाएं हैं। आज कई बीमारियों के इलाज के लिए फिजियोथेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी सबसे खास बात है कि इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। फिजियोथेरेपी चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा जिसकी मदद से शरीर के बाहरी हिस्से का इलाज किया जाता है। इसके माध्यम से कई स्तरों में इलाज किया जाता हैं।

कोर्सः

फिजियोथेरेपी में आप डिप्लोमा से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई कर सकते हैं। बैचलर कोर्स का समय लगभग साढ़े चार साल का होता है। आखिरी के छह महीने में इस कोर्स के दौरान इंटर्नशिप करवायी जाती है।
वहीं मास्टर्स कोर्स दो साल का होता है और इसके लिए आपको फिजियोथेरेपी में बैचलर्स की डिग्री होना आवश्यक है। आप न्यूरोलॉजिकल फिजियोथेरेपी, पिडियाट्रिक फिजियोथेरेपी, स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी, ऑर्थेपेडिक फिजियोथेरेपी, ऑब्सेक्ट्रिक्स फिजियोथेरेपी, पोस्ट ऑपरेटिव फिजियोथेरेपी, कार्डियोवस्कुलर फिजियोथेरेपी में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं।

करियर के अनेक विकल्प

कोरोना काल के बाद स्वास्थ्य के प्रति लोगों की सजगता और ज्यादा बढ़ गई है, तब से एक कुशल फिजियोथेरेपिस्ट के लिए जॉब की संभावनाएं और भी कई रूपों में बढ़ गई हैं, जैसे-
सरकारी क्षेत्र में
सरकारी अस्पतालों में फिजियोथेरेपिस्ट को ही भौतिक चिकित्सक भी कहते हैं। यह एक स्थायी पद होता है। इस पद के लिए चयन लिखित परीक्षा या इंटरव्यू के माध्यम से किया जाता है। भारत के एम्स, सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल हास्पिटल, बीएचयू ट्रामा सेंटर वाराणसी जैसे जितने भी बड़े-बड़े संस्थान हैं या जो राज्यस्तरीय सरकारी अस्पताल हैं, उन सब जगहों पर इसके लिए अलग से भौतिक चिकित्सा विभाग बना हुआ है, जहां फिजियोथेरेपी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
निजी क्षेत्र में
सरकारी के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी इन दिनों ऐसे डिग्रीधारी (बीपीटी) प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड है। फिजियोथेरेपी में डिग्री कोर्स करने वालों के लिए निजी क्षेत्र में सबसे अधिक नौकरी के मौके निजी हास्पिटल्स, पाली क्लीनिक या मल्टीस्पेशियलिटी हास्पिटल्स जैसी जगहों पर हैं, जहां आप इस विधा में स्वास्थ्य सेवाएं दे सकते हैं।
स्वरोजगार के रूप में
फिजियोथेरेपी में स्वरोजगार के भी काफी अवसर हैं। कोरोनाकाल के बाद इस तरह की सेवाएं अब लोग अपने घरों पर भी लेने लगे हैं। इस तरह की होम विजिट के लिए लोग खुशी-खुशी फिजियोरेपिस्ट को तय शुल्क का भुगतान भी करने को तैयार होते हैं। मोबाइल यूनिट भी इसी का एक रूप है, जिसके माध्यम से आजकल घर-घर फिजियोथेरेपी सेवाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा, एक फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में अपना खुद का सेंटर खोलकर भी फिजियोथेरेपी सेवाएं दे सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि अगर ऐसे प्रोफेशनल अपना खुद का सेंटर या मोबाइल यूनिट शुरू करना चाहते हैं, तो उन्हें सरकार की ओर से व्यावसायिक लोन भी प्रदान किया जा रहा है।
रिसर्च के क्षेत्र में
फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में रिसर्च की असीम संभावनाएं हैं। इसके लिए आईसीएमआर, डीबीटी, डीआरडीओ, आईएनएसए, सीएसआईआर जैसे राष्ट्रीय संस्थान अनुदान भी देते हैं। राज्य सरकारों ने भी प्रविधान बना रखे हैं। रिसर्च के बाद आप एक रिसर्च एसोसिएट के रूप में या प्रिंसीपल इन्वेस्टिगेटर के रूप में अपनी सेवाएं दे सकते हैं।
लेखक दून पीजी पैरामैडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में फिजियोथैरैपी विभाग में विभागाध्यक्ष हैं। 

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